उत्तरप्रदेश खेत सुरक्षा योजना – तारबाड़ लगाने पर सब्सिडी से होगी किसानों की मदद

उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की मदद के लिए एक नई योजना शुरू की है जिसका नाम है “मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना”। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की फसलों को आवारा जानवरों से बचाना है। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानें।

उत्तरप्रदेश खेत सुरक्षा योजना का परिचय

Mukhyamantri Khet Suraksha Yojana UP

मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना की शुरुआत 23 जुलाई, 2023 को की गई। इस योजना के तहत, किसानों को अपने खेतों में सोलर फेंसिंग लगाने के लिए सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दी जाएगी। इस फेंसिंग से आवारा जानवर खेतों में नहीं घुस पाएंगे और फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे।

योजना की मुख्य बातें
  • योजना का नाम: मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना
  • शुरू होने की तारीख: 23 जुलाई, 2023
  • उद्देश्य: फसलों और पशुओं की सुरक्षा
  • मुख्य लाभ: सोलर फेंसिंग के लिए आर्थिक मदद
  • अनुदान राशि: 1.43 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर
  • बजट: 350 करोड़ रुपये

उत्तरप्रदेश खेत सुरक्षा योजना के फायदे

  1. फसलों की सुरक्षा: सोलर फेंसिंग से आवारा जानवर खेतों में नहीं घुस पाएंगे, जिससे फसलें सुरक्षित रहेंगी।
  2. आर्थिक मदद: किसानों को फेंसिंग लगाने के लिए सरकार की तरफ से पैसे मिलेंगे।
  3. बिजली की बचत: सोलर फेंसिंग से बिजली की बचत होगी।
  4. पर्यावरण अनुकूल: सौर ऊर्जा का इस्तेमाल होने से पर्यावरण को फायदा होगा।
  5. आय में वृद्धि: फसलों के बचने से किसानों की आय बढ़ेगी।

उत्तरप्रदेश खेत सुरक्षा योजना की विशेषताएं

  1. सोलर फेंसिंग में 12 वोल्ट की करंट होगी जो जानवरों को हल्का झटका देगी लेकिन नुकसान नहीं पहुंचाएगी।
  2. जब कोई जानवर फेंस को छूएगा तो सायरन बजेगा जिससे जानवर डरकर भाग जाएंगे।
  3. यह फेंसिंग नीलगाय, बंदर, सूअर और जंगली सूअर जैसे जानवरों से फसलों को बचाएगी।
  4. छोटे और सीमांत किसानों को इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।

उत्तरप्रदेश खेत सुरक्षा योजना के लिए पात्रता

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी:

  1. आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।
  2. छोटे और सीमांत किसान ही इस योजना के लिए पात्र हैं।
  3. जमीन आवेदक के नाम पर होनी चाहिए।
  4. आवेदक का बैंक खाता आधार से जुड़ा होना चाहिए।
  5. आवेदक के परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।
  6. आवेदक के परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता नहीं होना चाहिए।

उत्तरप्रदेश खेत सुरक्षा योजना के आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

योजना के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज तैयार रखें:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • बैंक पासबुक की कॉपी
  • जमीन के कागजात
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर
  • ई-मेल आईडी1

उत्तरप्रदेश खेत सुरक्षा योजना का बजट और अनुदान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना के लिए 350 करोड़ रुपये का बजट रखा है। पहले यह बजट 75 करोड़ रुपये था लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 350 करोड़ रुपये कर दिया गया।

इस योजना के तहत, छोटे और सीमांत किसानों को प्रति हेक्टेयर 1.43 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। यह राशि कुल लागत का 60% है।

उत्तरप्रदेश खेत सुरक्षा योजना का क्रियान्वयन

शुरू में यह योजना सिर्फ बुंदेलखंड क्षेत्र में लागू की जानी थी। लेकिन अब इसे पूरे उत्तर प्रदेश में लागू किया जाएगा। इससे राज्य के सभी किसानों को फायदा मिलेगा।

कृषि विभाग ने इस योजना का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद यह योजना पूरे राज्य में लागू हो जाएगी।

उत्तरप्रदेश खेत सुरक्षा योजना योजना का महत्व

  1. फसल सुरक्षा: आवारा जानवरों से फसलों को बचाकर किसानों की आय बढ़ेगी।
  2. आधुनिक तकनीक: सोलर फेंसिंग से खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ेगा।
  3. रोजगार सृजन: फेंसिंग लगाने और उसकी देखभाल से नए रोजगार पैदा होंगे।
  4. पर्यावरण संरक्षण: सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से पर्यावरण को फायदा होगा।
  5. ग्रामीण विकास: इस योजना से गांवों का विकास होगा और किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा।

उत्तरप्रदेश खेत सुरक्षा योजना का प्रभाव

इस योजना से उत्तर प्रदेश के किसानों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है:

  1. फसल नुकसान में कमी: आवारा जानवरों से होने वाले फसल नुकसान में भारी कमी आएगी।
  2. आय में वृद्धि: फसलों के बचने से किसानों की आय बढ़ेगी।
  3. तनाव में कमी: फसलों की सुरक्षा से किसानों के तनाव में कमी आएगी।
  4. खेती में रुचि: युवा पीढ़ी में खेती के प्रति रुचि बढ़ेगी।
  5. गांवों का विकास: किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरने से गांवों का विकास होगा।

उत्तरप्रदेश खेत सुरक्षा योजना की चुनौतियां

हालांकि यह योजना बहुत फायदेमंद है, लेकिन इसके सामने कुछ चुनौतियां भी हैं:

  1. जागरूकता की कमी: कई किसानों को इस योजना के बारे में पता नहीं हो सकता है।
  2. तकनीकी ज्ञान: सोलर फेंसिंग के रखरखाव के लिए तकनीकी ज्ञान की जरूरत होगी।
  3. शुरुआती लागत: अनुदान के बावजूद शुरुआती लागत कुछ किसानों के लिए मुश्किल हो सकती है।
  4. भ्रष्टाचार: योजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार की संभावना हो सकती है।
  5. मौसम की चुनौतियां: बारिश या तूफान जैसी मौसमी स्थितियों में फेंसिंग को नुकसान हो सकता है।

उत्तरप्रदेश खेत सुरक्षा योजना का भविष्य

अगर यह योजना सफल रही तो इसका विस्तार किया जा सकता है। भविष्य में इसमें कुछ और सुधार किए जा सकते हैं:

  1. और ज्यादा किसानों को शामिल करना।
  2. अनुदान राशि में वृद्धि करना।
  3. फेंसिंग की गुणवत्ता में सुधार करना।
  4. किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण देना।
  5. योजना के साथ बीमा सुविधा जोड़ना।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। यह योजना न सिर्फ फसलों को बचाएगी बल्कि किसानों की आय भी बढ़ाएगी। इससे गांवों का विकास होगा और किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा। अगर इस योजना को सही तरीके से लागू किया गया तो यह उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख सकती है।

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